आचार्य बालकृष्ण ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की उपस्थिति में पूर्वोत्तर के विकास में पतंजलि के योगदान को सबके सामने रखा। बालकृष्ण ने पूर्वोत्तर विकास सम्मेलन में भाग लेते हुए कहा कि हमें खुशी है कि पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पूर्वोत्तर के विकास में लगी है।
उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर भारत में खाद्य प्रसंस्करण के लिए 24 हजार का निवेश आया है। अकेले 10 प्रतिशत पतंजलि ने ही निवेश किया है।
आचार्य ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में पतंजलि ने पूर्वोत्तर में 2400 करोड़ रुपए का निवेश किया है। 2016-17 में अन्य क्षेत्रों में पूर्वोत्तर में करीब 11 हजार करोड़ का निवेश आया है।
इसमें 1200 करोड़ रुपये पतंजलि ने निवेश किए हैं। असम और अरुणाचल में पतंजलि ने कार्य शुरू कर दिया है। नागालैंड सरकार के मंत्री भी उनसे मिलकर गए हैं और अब मणिपुर में भी अपार संभावनाएं हैं।
मणिपुर में मेडिकेटेड फूड की संभावना
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि मणिपुर में मेडिकेटेड फूड की संभावना बहुत ज्यादा है। पूर्वोत्तर की सबसे बड़ी विशेषता के रूप में पादपीय विभिन्नता को गिनाते हुए बालकृष्ण ने कहा कि भारत में पाए जाने वाले 18 हजार विभिन्न जाति के पौधों की सूची में 9 हजार पौधे अकेले पूर्वोत्तर भारत में पाये जाते हैं।
पूर्वोत्तर के केवल 4500 पौधे ही अब तक डॉक्यूमेंटेड हो पाएं हैं जबकि गैर सूची वाले पौधों की संख्या तो इससे भी कहीं और ज्यादा है। पूर्वोत्तर में मेडिसिनल पौधों की भी अपार संभावना है। यहां बरसात अधिक होने की वजह से अधिक गुणवत्ता वाले पौधे पाए जाते हैं।Read More