19 Oct 2020: जागरण संवाददाता, हरिद्वार: महर्षि चरक की जन्मस्थली चरेख डांडा में पतंजलि योगपीठ की ओर से जड़ी-बूटी रोपण, नर्सरी और ग्रीन हाउस का निर्माण किया जाएगा। ये सारे कार्य अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान परिसर में किया जाएगा, जिसका निर्माण चरेख डांडा में किया जाना है। इससे न केवल आयुर्वेद को प्रामाणिक औषधि का दर्जा दिलाने में सहायता मिलेगी, बल्कि पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार का सृजन भी होगा।
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय और पतंजलि अनुसंधान संस्थान के सहयोग से चरेख डांडा में औषधीय पौधों का अभिलेखिकरण, हर्बेरियम और शोध संबंधी कार्य प्रस्तावित हैं। इन कार्यो को लेकर पतंजलि योगपीठ का 120 सदस्यीय दल चरेख डांडा में निरीक्षण के लिए गया था। वापस लौटने के बाद दल के अध्यक्ष एवं पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आयुर्वेद के महान वैज्ञानिक महर्षि चरक की जन्मभूमि पर पहुंचकर उनके सूक्ष्म उपस्थिति की अनुभूति हुई। बताया कि यहां आयुर्वेद का वृहद और व्यापक कार्य पतंजलि योगपीठ के माध्यम से किया जाना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में आयुर्वेद का अकूत भंडार है। यहां पाई जाने वाली विभिन्न औषधियां और जड़ी-बूटियां कई रोगों को दूर करने में सक्षम हैं। इसलिए इनकी पहचान, संरक्षण और इसे प्रसंस्कृत कर उपयोगी बनाने की जरूरत है। बालकृष्ण ने बताया कि यहां औषधीय पौधों में विशेष तौर पर गिलोय, अश्वगंधा, एलोवेरा इत्यादि का रोपण किया जाएगा। Read More…..