पोखरी, 17-नवम्बर-2017 | पतंजलि द्वारा तैयार उत्तराखण्ड का सबसे बड़ा ड्रिप ऐरिगेशन
उत्तराखण्ड के पलायन को रोकने के लिए पतंजलि बड़ी पोखरी में तैयार कर रहा है कृषि माडल
* उत्तराखण्ड की मानी हस्तियों सहित वैश्विक स्तर के वैज्ञानिक कर रहे हैं पतंजलि के कृषि माडल का अवलोकन
* वहां उत्तराखण्ड का सबसे बड़ा ड्रिप ऐरिगेशन पतंजलि ने किया है तैयार
* तीन किलोमीटर नीचे से बड़ीपोखरी तक पानी पहुंचाना पतंजलि का विशिष्ट प्रयोग
* नींबू, मिर्च, आडू, खूबानी, पल्म, सफेद चन्दन के सैकड़ों पेड़ किसानों को दे रहे प्रेरणा
हरिद्वार, 17 नवम्बर, 2017 – उत्तराखण्ड से पलायन को रोकने, उत्तराखण्ड वासियों के जीवन को बेहतर बनाने एवं प्रांत के कृषक समाज को उनकी सीमाओं में कृषि उत्पाद तैयार करा करके उसे आर्थिक समृद्धि दिलाने के संकल्प के साथ पतंजलि योगपीठ अपने विविध् केंद्रों पर विशेष कृषि माडल विकसित कर रहा है । इन कृषि माडलों का उत्तराखण्ड की विविध् हस्तियों से लेकर देश-विदेश विशिष्ट कृषि वैज्ञानिकों का दल अवलोकन करने पहुंच रहा है।
इसी क्रम में कल जैविक कृषि एवं वातावरण परिशोध्न पर कार्य कर रहीं डाॅ बंदना शिवा जी अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, फ़्रान्स, जापान, इंडोनेशिया, कोरिया के विशिष्ठ वैज्ञानिकों के दल के साथ पतंजलि के बड़ी पोखरी के विशेष कृषि माडल केंद्र पहुची। उन्होंने ने वहां तैयार किये गये नींबू, मिर्च, आडू, खूबानी, पल्म, सपफेद चन्दन के सैकड़ों पेड़ों का अवलोकन किया और मेरे साथ चर्चा कर जैविक कृषि एवं उत्तराखण्ड के पलायन से जुड़ी समस्याओं पर अनेक जिज्ञासाओं का समाधन प्राप्त किया।
उत्तराखण्ड के पलायन को रोकने के लिए पतंजलि बड़ी पोखरी में तैयार हो रहे इस कृषि माडल से उत्तराखण्ड के किसानों में अपनी कृषि के प्रति विश्वास जगाने का अभियान चलायेगा। यहां तीन किलोमीटर नीचे से बड़ीपोखरी तक पानी पहुंचाना पतंजलि का विशिष्ट प्रयोग कहा जा सकता है। यह उत्तराखण्ड का सबसे बड़ा ड्रिप ऐरिगेशन कहा जा सकता है इस विधि से इस परिसर में तैयार सैकड़ों की संख्या में नींबू, मिर्च, आडू, खूबानी, पल्म, सफेद चन्दन आदि के सैकड़ों पेड़ किसानों को समृद्धि की प्रेरणा दे रहे हैं। उत्तराखण्ड का प्रत्येक किसान अपनी भूमि पर विशेष कृषि विधि से खेती करे और अपने को समृद्धशाली बनाये, युवाओं का रोजगार मिले और उत्तराखण्ड से युवाओं का पलायन रुके यही पतंजलि का संकल्प है।