उड़ीसा, 26-दिसम्बर-2017 | उड़ीसा के जनजातीय आदिवासी बाहुल्य सुदूर क्षेत्र आमसेना में संचालित “गुरुकुल आमसेना” , जो स्वामी धर्मानन्द जी के तप-पुरुषार्थ से संचालित है कल वहाँ उनके ५० वें स्थापना दिवस पर जाने का अवसर प्राप्त हुआ | स्थानीय लोगों एवं गुरुकुल के विद्यार्थियों व सदस्यों द्वारा जो भावनाएँ और प्रेम प्रदर्शित किया वह अभिभूत करने वाला था | गुरुकुल की शिक्षा पद्धति हमारी संस्कृति को बचाकर संस्कृति के संरक्षण एवं संस्कारों के लिए एक आदर्श है | ऐसे गुरुकुलों के द्वारा ही हमारी संस्कृति एवं परम्पराएँ सुरक्षित रह सकती हैं |