पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण का जन्म दिवस रविवार को जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया गया। पतंजलि योगपीठ फेज दो स्थित योग भवन में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि आज योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के प्रयासों से योग और आयुर्वेद को भारत ही नहीं, अपितु संपूर्ण विश्व में विशिष्ट पहचान मिली है।
योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि योग और आयुर्वेद की बड़ी संस्था है। आयुर्वेद की पुस्तकों के लेखन और प्रकाशन, पांडुलिपियों के संरक्षण, आयुर्वेदिक औषधियों की खोज और अनुसंधान, आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार तथा आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर स्वीकृति दिलाने में आचार्य निरंतर क्रियाशील रहे हैं। आयुष मंत्री डॉ. हरक ङ्क्षसह रावत ने कहा कि पहले जब योग की बात आती थी तो यह उत्तराखंड और हिमालय की गुफाओं तक ही सीमित था। योगगुरु और आचार्य के सहयोग से आज यह देश की सीमाओं को लांघते हुए संपूर्ण विश्व में पहुंच गया है। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने योग और आयुर्वेद को नई पहचान दिलाने में उनके प्रयासों की सराहना की।
वीर रस के कवि डॉ. हरिओर पंवार ने कश्मीर पर 29 साल पहले लिखी कविता प्रस्तुत कर श्रोताओं में जोश भर दिया। इफ्को के सहयोग से नीम के चालीस हजार पौधे निश्शुल्क वितरित किए गए। इससे पूर्व राज्यपाल और अन्य अतिथियों ने पौधारोपण किया। कार्यक्रम में कथावाचक चित्रलेखा, चिन्मयानंद बापू, इफ्को के वित्तीय प्रबंध निदेशक योगेंद्र कुमार, नेपाल के वित्त मंत्री किरण गुरुंग, उत्तराखंड आयुर्वेद विवि के कुलपति प्रो. अभिमन्यु कुमार, प्रति कुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल, प्रदीप आर्य, हाम्रो स्वाभिमान नेपाल से श्रीनारायण, प्रेम क्षेत्री, अनिता, पिरान कलियर से छोटे मियां के नेतृत्व में मुस्लिम समाज के लोग, पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज के अधीक्षक डॉ. डीएन शर्मा, उपाधीक्षक डॉ. दयाशंकर, कॉलेज के प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं और पतंजलि योगपीठ से संबद्ध समस्त संस्थानों के छात्र-छात्राएं, सेवाव्रती बहनें मौजूद रही।Read More….