झारखण्ड की वनसम्पदा से वहां के किसानों को जोड़ने का अभियान चलायेगी पतंजलि।
हरिद्वार, 13 दिसम्बर । झारखण्ड की राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू आज पतंजलि योगपीठ पधारीं। उन्होंने पूज्य योग_षि स्वामी रामदेव जी महाराज एवं पतंजलि योगपीठ के महामंत्री श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज से विशेष मुलाकात कर स्वस्थ, रोजगारोन्मुख एवं समृद्धशाली झारखण्ड बनाने को लेकर चर्चा की। उन्होंने पतंजलि ग्रामोद्योग, पतंजलि रिसर्च इन्स्टीट्यूट, पतंजलि वनस्पति रिसर्च प्लांट, आचार्यकुलम सहित योगपीठ के अनेक प्रकल्पों का अवलोकन भी किया। राज्यपाल महोदया ने जैविक विविधताओं एवं वन संसाधनों से भरपूर झारखण्ड राज्य को पतंजलि के शोधन एवं प्रसंस्करण परक औद्योगिक इकाइयों से जोड़कर झारखण्ड वासियों को रोजगार के अवसर दिलाने का भी अनुरोध किया।
राज्यपाल महोदया ने कहा पतंजलि के योग-आयुर्वेद एवं स्वदेशी अभियान से देश के हजारों युवा रोजगार पा रहे है। झारखण्ड में भी पतंजलि अभियान से जहाँ लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे, वहीं प्रान्त की समृद्धि बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि जड़ी-बूटी के क्षेत्र में श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी के पास विलक्षण ज्ञान भंडार है, झारखण्ड के दुर्लभ औषधीय वनसंसाधनों को वैश्विक पहचान दिलाने में उनकी शक्ति का लाभ मिल सकता है। पूज्य योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा पतंजलि योगपीठ स्वदेशी के माधयम से देश की आर्थिक स्वाधीनता की पैरोकार है। पतंजलि योगपीठ भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए राज्यों में सशक्त आर्थिक माडल विकसित करना चाहती है। स्वामी जी ने प्रांत की बनौषधियों एवं वहां के अन्य प्राकृतिक संसाधनों का शोधन करके राज्य को खुशहाल बनाने का आश्वासन दिया। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा झारखण्ड प्रदेश वनीय प्रधान एवं विविध भाषा-संस्कृतियों के विरासत वाला राज्य है। झारखण्ड के विकास के लिए पतंजलि वहां की जनता को योग-आयुर्वेद, स्वदेशी जैसे आंदोलनों से जोडेगी व वहां के किसानों को श्रेष्ठ कृषि विकल्प उपलब्ध कराने का अभियान भी चलायेगी।